Vinayak Chaturthi 2023 : आज है विनायक चतुर्थी इन विधि से करे पूजा बरसेगी गणेश जी की कृपा

 Vinayak Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी व्रत: सावन महीने में आदर्श परंपरा का महत्व

 

भारतीय संस्कृति में धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों का महत्व अत्यधिक होता है। इन त्योहारों के माध्यम से हम अपनी परंपराओं को याद रखते हैं और साथ ही उनके माध्यम से समाज में धार्मिक आदर्शों की महत्वपूर्ण बातें सिखते हैं। गणेश चतुर्थी, जो सावन महीने में मनाया जाता है, एक ऐसा ही महत्वपूर्ण त्योहार है जिसका व्रत सावन महीने की शुभकामनाओं और आदर्शों का पालन करने का एक सामर्थ्य दर्शाता है।

गणेश व्रत का महत्व:

Vinayak Chaturthi 2023

सावन महीने में गणेश चतुर्थी का व्रत मनाने से व्रती अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं। (Vinayak Chaturthi 2023) गणेश जी को ‘विघ्नहर्ता’ और ‘वक्रतुण्ड’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वे भक्तों के सभी विघ्नों को दूर करने वाले माने जाते हैं। सावन महीने में इस व्रत के माध्यम से हम अपने जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान ढूँढते हैं और उन्हें प्राप्त करने के लिए अपनी मेहनत और आदर्शों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

आज का पंचांग ( 20 August 2023)

सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि- 21 अगस्त, रात्रि 12 बजकर 21 मिनट तक

साध्य योग समाप्त- 20 अगस्त, रात्रि 09 बजकर 59 मिनट तक

शुभ योग प्रारंभ- 20 अगस्त, रात्रि 09 बजकर 59 मिनट से

हस्त नक्षत्र- 21 अगस्त, प्रातः 04 बजकर 22 मिनट तक

 

शुभ समय

 

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 25 मिनट से सुबह 05 बजकर 09 मिनट तक रहेगा

विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक रहेगा

गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 56 मिनट से शाम 07 बजकर 18 मिनट तक रहेगा

सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 21 अगस्त सुबह 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा

अमृत सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 21 अगस्त सुबह 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा

रवि योग- सुबह 05 बजकर 21 अगस्त सुबह 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा

अशुभ समय

राहुकाल- शाम 05 बजकर 18 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक

गुलिक काल- दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से शाम 05 बजकर 18 मिनट तक

भद्रा काल- सुबह 11 बजकर 23 मिनट से 21 अगस्त रात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक

दिशा शूल- पश्चिम

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय- सुबह 05 बजकर 53 मिनट से

सूर्यास्त- शाम 06 बजकर 56 मिनट पर

चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय

चंद्रोदय- सुबह 09 बजकर 03 मिनट से

चन्द्रास्त- रात्रि 09 बजकर 09 मिनट तक

व्रत की प्रक्रिया

सावन महीने में गणेश चतुर्थी का व्रत मनाने से पहले व्रती को अपने मन में सकारात्मक भावना और शक्ति की आवश्यकता होती है। उन्हें अपने आहार में सत्त्विक और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए और अपनी दिनचर्या में व्रत की पूजा, मंत्र जाप और ध्यान की स्थान (Vinayak Chaturthi 2023) पर देना चाहिए। सावन महीने के इस व्रत के दौरान व्रती को अपनी भक्ति और श्रद्धा को पर्याप्त समय देना चाहिए ताकि वे अपने मन को शांति और सकारात्मकता की ओर ले जा सकें।

आध्यात्मिक महत्व

सावन महीने में गणेश व्रत का आध्यात्मिक महत्व भी है। यह व्रत हमें अपने आत्मा की शुद्धि, सात्विकता और स्वयं के साथ संघर्ष करने की कला को सिखाता है। इसके द्वारा हम अपने अंतरंग स्वयं की ओर एक कदम बढ़ाते हैं और (Vinayak Chaturthi 2023) अपने आत्मा के गहरे आदर्शों की प्राप्ति की कोशिश करते हैं।

निष्कर्ष

सावन महीने में गणेश चतुर्थी के व्रत का महत्व आदर्श परंपरा की महत्वपूर्ण बातों को याद दिलाने के साथ-साथ हमें सात्विकता, आत्म-संयम और सकारात्मकता की प्राप्ति का भी अवसर प्रदान करता है। इस सावन महीने, हमें गणेश व्रत के माध्यम से अपने मन, शरीर और आत्मा की देखभाल करते हुए समर्पित रहने का संकेत मिलता है।

डिसक्लेमर

 इस लेख में निहित किसी भी जानकारी, सामग्री, गणना, की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। (Vinayak Chaturthi 2023) विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं, धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

 

 

Leave a Comment

Exit mobile version