100 नंबर की परीक्षा में 257 अंक, 30 नंबर के प्रैक्टिकल में 225 आए; बिहार के कॉलेज में गजब हो गया
बिहार: एक बार फिर बिहार के शिक्षा तंत्र पर सवाल उठने लगे हैं जब एक छात्र की मार्कशीट में 100 में 257 अंक और 30 नंबर के प्रैक्टिकल में 225 अंक
कैसे हुआ इतना बड़ा घोटाला?
बताया जा रहा है कि यह मामला बिहार के एक सरकारी कॉलेज से जुड़ा है, जहाँ बीए (स्नातक) के एक छात्र को सामान्य परीक्षा में 100 में से 257 अंक और प्रैक्टिकल में 30 में से 225 अंक दे दिए गए। मार्कशीट में यह अंक देखकर छात्र और उसके परिवार वाले चौंक गए।
कॉलेज प्रशासन का क्या कहना है?
कॉलेज प्रशासन ने इसे तकनीकी त्रुटि बताया है। उनका कहना है कि मार्क एंट्री के समय डेटा एंट्री ऑपरेटर से यह गलती हुई है और जल्द ही इसे सुधार कर नया परिणाम जारी किया जाएगा।
छात्र का बयान
छात्र का कहना है कि वह खुद भी इस अंक को देखकर हैरान है और उसने कॉलेज से इसकी शिकायत की है। छात्र ने यह भी कहा कि “मैं पास हो जाऊं, बस उतना काफी है, लेकिन 100 में 257 तो चमत्कार ही है।”
शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर
यह मामला केवल एक कॉलेज की गलती नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाता है। हर वर्ष इस तरह की गड़बड़ियां सामने आती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि शिक्षा व्यवस्था को तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर सुधार की सख्त जरूरत है।
सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है?
यह खबर वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मीम्स और मजाक उड़ाए जाने लगे। कई लोगों ने इसे “बिहार का जादू” बताया तो कुछ ने शिक्षा मंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
निष्कर्ष
इस तरह की घटनाएं न केवल छात्रों का भविष्य प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था की छवि को भी धूमिल करती हैं। समय आ गया है कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई हो और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
Source: Social Media, Student Complaint
लेखक: Uttam News टीम
