बिहार के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की होगी जांच, बड़ा गड़बड़झाला उजागर; सेविकाओं पर भी एक्शन तय
बिहार में बच्चों के पोषण और देखभाल के लिए संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने इन केंद्रों में लगातार आ रही शिकायतों और लापरवाहियों को गंभीरता से लेते हुए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यापक जांच का आदेश दे दिया है। जांच के दायरे में सेविकाएं, सहायिकाएं और पर्यवेक्षकों की कार्यप्रणाली भी शामिल है।
🔍 क्या है मामला?
पिछले कुछ महीनों से विभिन्न जिलों से ये खबरें सामने आ रही थीं कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को मिलने वाले पोषण आहार का वितरण ठीक से नहीं हो रहा, उपस्थिति फर्जी दिखाई जा रही है और सरकारी सामान की कालाबाजारी
📋 सरकार का कदम
इन गंभीर आरोपों के बाद राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग ने निर्णय लिया है कि बिहार के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की भौतिक जांच करवाई जाएगी। हर जिले में एक विशेष जांच दल (Special Task Force) बनाया जा रहा है जो साइट विजिट, पोषण वितरण, स्टाफ उपस्थिति और स्टॉक रजिस्टर
👩⚕️ सेविकाओं और सहायिकाओं पर एक्शन
जिन केंद्रों में गड़बड़ी या भ्रष्टाचारनिलंबन से लेकर सेवा समाप्ति
📊 अब तक सामने आए प्रमुख खुलासे:
- बच्चों की संख्या फर्जी दिखाकर पोषण सामग्री का गबन
- स्टाफ की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर वेतन निकाला गया
- पोषाहार सामग्री की गुणवत्ता में भारी गिरावट
- बंद केंद्रों को चालू दिखाकर अनुदान प्राप्त किया गया
🧒 बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
यह पूरा मामला सिर्फ सरकारी धन की हेराफेरी का नहीं है, बल्कि छोटे बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षासख्ती से कार्रवाई करने जा रही है।
📌 निष्कर्ष:
बिहार में आंगनबाड़ी केंद्रों की यह जांच एक बड़ा कदम है। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और जो लोग बच्चों के हक पर डाका डाल रहे थे, उन्हें सजा मिलेगी। आने वाले दिनों में यह कार्रवाई और भी तेज़ हो सकती है।
आपकी क्या राय है इस कदम पर? हमें कमेंट में बताएं।
📢 खबर को शेयर करें ताकि अन्य लोग भी सतर्क रहें।
